अंतर्द्वंद
अंतर्द्वंद मेरे दो मन है एक मन बहुत सरल सीधा और सुंदर जो सहजता चुनता है प्रेम गीत रचता है दूसर…
अंतर्द्वंद मेरे दो मन है एक मन बहुत सरल सीधा और सुंदर जो सहजता चुनता है प्रेम गीत रचता है दूसर…
व्यापार रिश्तों से ऊपर व्यापार हो गया मित्र था वो अब होशियार हो गया अकेलेपन ने बा-कमाल कर द…
आधा सच आधा झूंठ कहूँ वो जो तुम सुनाना चाहते हो तो वो आधा सच आधा झूंठ होगा रहूं अगर तुम्हारे मन …
बेटे का पिता से संवाद बेटे का पिता से संवाद हे जो अगर बेटा समझ सके तो उस के जीवन की बुनियाद हे ब…
तलवार उठा तू बन क्षत्रानी वर्तमान में बेटियों को कुछ सिखाए ना सिखाए मगर आत्मरक्षा के गुण जरूर सिखा…
बचपन कैसे गुम हो जाता है चित्र- पिक्सबे के सौजन्य से जब त्योहारों का हुल्लड़ डी जे के शोर में बद…
स्त्री वसुंधरा होती है जब मुझे स्त्री नहीं देह समझ मेरा वजूद आंका जाता है जब स्त्रियों के हँसने से …
मानसून देख धरा का अनुपम हरित श्रृंगार बार बार मन में उठे एक विचार वो करू जिसका वर्षों से था इंतजार…
इंतजार चित्र पिक्स बे से साभार कुछ नहीं बदला है तुम्हारे इंतजार में न वो घड़ी थकी है न उसके कांट…
गर्मी की छुट्टियां चित्र राजेश श्रीवास्तव की पेंटिंग से साभार चित्र गूगल से साभार गर्मी की छुट्टि…
प्रकृति और मानव प्रकृति वृक्षों नदियों पहाड़ों और जानवरो का सम्मान इको सिस्टम को…