तलवार उठा तू बन क्षत्रानी
वर्तमान में बेटियों को कुछ सिखाए ना सिखाए मगर आत्मरक्षा के गुण जरूर सिखाएं
तू धर काली का रूप असुर छुपे चहुं ओर सही
कर तू रक्त रक्त नर पिशाच चहुं ओर यही
हे नारी तू है शक्ति तू निर्बल, अनाथ नहीं
कर इन दुष्टों का नाश इन्हे तेरे दूध की लाज नहीं
तलवार उठा नारी कर स्वयं और विश्व की रक्षा
अब इन निर्लज्ज मानव पशुओं का चीत्कार सही
नारी तू मां है,परिणीता है, सृजन और पोषण का आधार
जब हुआ रुदन धरती का जब दमन हुआ तेरी काया का
तो हे मां कर वध इन दुष्टों का इन के कुल का संहार सही
भले ही ये पोषित पितृ सत्ता से इन का विध्वंस सही
तलवार उठा तू रण चंडी इन लोलूपो का विनाश सही
मारो इन राक्षसों को अब लहू की ललकार सही
डरो ना नारी तुम डरो ना बेटी तुम ममता तुम करुणा
तुम जननी इस धरा का तुम आधार सही मगर हे नारी
इस युग में पापियों के विनाश हेतु काली का रूप सही
तलवार उठा तू बन क्षत्रानी बाजुओं का जोर सही
चित्र गूगल के सौजन्य से |
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०३-१०-२०२०) को ''गाँधी-जयंती' चर्चा - ३८३९ पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
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अनीता सैनी
सादर आभार आदरणीया अनीता जी
हटाएंहे नारी तू है शक्ति तू निर्बल, अनाथ नहीं
जवाब देंहटाएंकर इन दुष्टों का नाश इन्हे तेरे दूध की लाज नहीं
तलवार उठा नारी कर स्वयं और विश्व की रक्षा
अब इन निर्लज्ज मानव पशुओं का चीत्कार सही..
ओजपूर्ण भाव लिए नारी जाति का आह्वान करती हृदयस्पर्शी रचना ।
धन्यवाद मीना जी सादर आभार
हटाएंइस युग में पापियों के विनाश हेतु काली का रूप सही
जवाब देंहटाएंतलवार उठा तू बन क्षत्राणी बाजुओं का जोर सही
बिलकुल सही
जो इंसान नहीं उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब देने जरुरी है आज
धन्यवाद कविता जी सादर आभार
हटाएंबहुत सुंदर सार्थक सृजन ।
जवाब देंहटाएंआह्वान कर रहा है हर नारी को हर पुत्री को ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
सादर आभार आदरणीया कुसुम जी
हटाएंबहुत सुंदर और सार्थक सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया अनुराधा जी
हटाएंनारी शक्ति को नमन् करती प्रेरक रचना हेतु हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय विशाल जी
हटाएंविडंबना यही है कि आज भी लोग बेटियों को संगीत, नृत्य, पैकिंग आदि के8 क्लास तो करवाते है लेकिन अभी भी जुडो कराटे सिखाने में पीछे है। बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ज्योति जी सादर आभार
हटाएंरक्त में उबाल लाती प्रभावी रचना!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आदरणीय गजेन्द्र सर सादर आभार
हटाएंमारो इन राक्षसों को अब लहू की ललकार सही
जवाब देंहटाएंडरो ना नारी तुम डरो ना बेटी तुम ममता तुम करुणा,,,,,, बहुत अच्छी रचना ।
धन्यवाद आदरणीया मधुलिका जी सादर
हटाएंहे नारी तू है शक्ति तू निर्बल, अनाथ नहीं
जवाब देंहटाएंकर इन दुष्टों का नाश इन्हे तेरे दूध की लाज नहीं
तलवार उठा नारी कर स्वयं और विश्व की रक्षा
अब इन निर्लज्ज मानव पशुओं का चीत्कार सही..
नारी को वीरांगना बनना होगा आत्मरक्षा हेतु ...
बहुत ही सुन्दर प्रेरक एवं सार्थक सृजन
वाह!!!
धन्यवाद आदरणीया सुधा जी सादर
हटाएंBahut Shandar..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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