गर्मी की छुट्टियां
चित्र राजेश श्रीवास्तव की पेंटिंग से साभार |
चित्र गूगल से साभार |
गर्मी की छुट्टियां
हर बार गर्मियों की छुट्टियों में मजा आता था
थोड़ा कम,थोड़ा ज्यादा मगर मजा आता था
थोड़ा अल्हड़ थोड़ा चितकबरा सा मेरा गांव
थोड़ा अनगढ़ थोड़ा अनपढ़ प्यारा सा मेरा गांव
कुछ दिन दादा दादी,कुछ दिन अनपढ़, गांव
कुछ दिन नाना नानी,कुछ दिन पीपल की छाँव
कुछ दिन सारे भाई बहन,कुछ दिन पगडंडी की राह
कुछ दिन चाचा,मामा, कुछ दिन नदी और नाव
कुछ दिन बुआ मौसी, कुछ दिन सरपट भागते पांव
कुछ दिन आम इमली ,कुछ दिन मीठे बेरी के ठाठ
कुछ दिन चूल्हे की रोटी ,कुछ दिन देशी खाने के चाव
जाते जाते मिट्टी की खुशबू ,और मां की आंखों का बहाव
सच में हर बार गर्मियों की छुट्टियों में मजा आता था
अब पहले जैसे अपनापन व मिठास नहीं रिश्ते नातो में
फिर भी यादों के जमाव में कम या ज्यादा मजा आता है
सच है हर बार गर्मियों की छुट्टियों में मजा आता था
गर्मी की छुट्टियां , कविता
वाह! सुंदर।
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (01-07-2020) को "चिट्टाकारी दिवस बनाम ब्लॉगिंग-डे" (चर्चा अंक-3749) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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धन्यवाद आदरणीय
हटाएंयाद दिला दी बचपन के दिन और
हटाएंगर्मी की छुट्टियां की
यादे ताज़ा हो गई बचपन कि गर्मियों की छुट्टियों में जो मजे होते थे वो भूल नहीं सकते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... बचपन की यादें हमेशा साथ रहती हैं ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आदरणीय
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया
हटाएंबचपन की सबसे प्रिय यादों में से इक याद भी। .. गर्मियों की छुट्टियाँ
जवाब देंहटाएंवैसे इस बार तो कोरोना वायरस ने वो आनंद भी खराब कर दिया
प्रार्थना और विश्वास है सब जल्दी सामन्य हो सब जी सके उन पलों को और संजों सके यादें
बहुत सुंदर।
सादर आभार आदरणीया
हटाएंगाँव की महक़ लिए बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीय सर .
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीया अनीता जी
हटाएंप्यारी बाल कविता सर।
जवाब देंहटाएंबाल कविताएँ लिखना आसान नहीं।
धन्यवाद सादर आभार श्वेता जी
हटाएंबहुत प्यारी रचना है राकेश जी | आज आपका ब्लॉग फ़ॉलो किया है | सस्नेह शुभकामनाएं|
जवाब देंहटाएंजी धन्यवाद रेणु जी आप का स्नेह ऐसा ही बना रहे 🙏🙏
हटाएंबहुत ही सुंदर कविता
जवाब देंहटाएंसमेट लिया है मन के सारे भावों को जो सुन्दर बन पड़ा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संजय जी सादर
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