संघर्ष और सृजन

संघर्ष और सृजन

मन विचलित था मन में ईर्ष्या ,अहं, विद्वेष जैसे भाव घर कर गए थे राजकुमार अपने आप को खोजने निकल पड़ा था कल एक निर्धन मगर तेजस्वी और बलशाली युवक से पराजय मिली थी महाराज ने भी कड़वे वचन कहे प्रजा के सामने अपमान शायद वह भविष्य के राजा के नैतिक और वीरता के गुण उभारना चाहते थे गहन सोच में था बारिश के एहसाह ने उसकी सोच भंग की बारिश से बचने के लिए एक किसान की कुटिया में शरण ली किसान से राजकुमार ने पूछा जानते हो में कोन हूं  हालात से तो थके हारे मुसाफिर लगते हो बातो से और स्वभाव से कोई राजवंश के,किसान बोला।हालात के मारे हो |
गुड़ रोटी खा के आराम कर लो छप्पन भोग खाने वाले को रूखी रोटी और गुड़  खा  के आत्मतृप्ति मिली और जब हल्की बारिश में मिट्टी के घड़े के पास पहुंचा और देखा आस पास की मिट्टी पानी से कट के बह रही हैं मगर मटका पानी को अपने समा रहा है फर्क कैसा ये भी मिट्टी वो भी मिट्टी गला भी नहीं पाता,तुम्हे आखिर क्यों ?’ पीछे से किसान बोला दोनों इस गांव की मिट्टी है पर संघर्ष अलग है. मटका बनने से पहले मिट्टी पानी में भीगी, पैरों से कुचली गई फिर कुम्हार ने चाक पर चलाया थापी की चोट, आग में पकी  इतने संघर्ष सहकर पानी को अपने में सहजने की काबिलियत पायी.
राजकुमार के अंतर्मन में हलचल मची गुरु- ज्ञान मिला सोचा ईश्वर दर्शन कर लू मन शांत हो  मंदिर पहुंचा दर्शन के बाद पुजारी से पूछा महात्मन मूर्ति भी पत्थर सीढ़ी भी पत्थर फिर एक माथे पर एक पैर पर ,एक की पूजा,एक को रौंदते है ऐसा क्यों पुजारी जी ने उत्तर दिया मूर्ति पत्थर पर छैनियों के प्रहार से बनती हे जगह जगह से घिसा जाता है उन में से श्रेष्ठ तराशा हुआ पत्थर मूर्ति बनता हे जीवन संघर्षों में तप कर हि कनक के समान आभा पाता है सूर्य उदय हो चूका था राजकुमार के जीवन में आशा की किरण चमक उठी वह जीवन पथ के संघर्ष के लिए तैयार था और समझ चूका था के संघर्ष ही जीवन के गुणों  का सृजन करता हे

Indian warrior with god and mud pot
चित्र पिक्सबैं  से साभार

19 टिप्पणियाँ

आपके सुझाव एवम् प्रतिक्रिया का स्वागत है

  1. सादर नमस्कार,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (05-06-2020) को
    "मधुर पर्यावरण जिसने, बनाया और निखारा है," (चर्चा अंक-3723)
    पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है ।

    "मीना भारद्वाज"

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  2. सच संघर्ष में ही बेहतर सृजन छुपा रहता है। संघर्ष से जो कुछ भी मिलता है उसपर हमें अधिक गर्व होता है।
    बहुत अच्छी प्रेरक प्रस्तुति

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  3. सुन्दर प्रस्तुति

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  4. संघर्ष का सुंदर शब्द चित्र बेहतरीन उकेरा है आपने आदरणीय.
    सादर

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  5. प्रेरणादायक कहानी

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  6. प्रेरणादायक उपयोगी आलेख।

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