सासू मां cool mom
3साल बाद सास ससुर जी आ रहे है जब से सुना था मन में बहुत घबराहट थी कि कैसे मैनेज होगा सब घर और ऑफिस दोनों ,असमंजस में डूबे हुए सोचा के 2 या 3 दिन की तो बात है छुट्टी ले लूंगी,हमारी लव मैरिज थी शादी के बाद सारे रिश्ते सरप्राइज पैकेज जैसे होते हे जो आप ने रिश्ता तय होते समय देखा होता उस के विपरीत । धीरे धीरे गृहस्थी की गाड़ी चलाते चलाते समझ आता है और यदि लव मैरिज की हो तो सरप्राइज पैकेज के साथ सरप्राइज गिफ्ट भी निकलते है दोनों फैमिली थोड़ी सी नाराज थी इस कारण अपनी सासू मांँ से फ़ोन पर कम बातें होती थी। सासू मां टीचर थी सरकारी जॉब में होने के कारण समय की पाबंद महिला थी। सासू मां के बारे में सुमित से जितना सुना था और टीवी सीरियल देख कर उन की एक सख्त और सिद्धांतवादी महिला की छवि मन में बन गई थी ससुर जी सेना से रिटायर अनुशासन प्रिय थे मन में हलचल मची थी बहुत से विचार आ रहे थे इसी टेंशन में मां को फोन किया तो सिर पर पल्लू ,सब के खाने के बाद ही खाना आदि उन की सलाह से तो घबराहट और बड़ गई मेरी मां शायद अपने अपर क्लास ऐटिट्यूड के कारण नहीं चाहती थीं के मेरी सासू हम से मिले या साथ रहे प्रोमोशन और ज्यादा काम होने के कारण सुमित पहले ही बोल चुके थे 'कुछ दिन की बात है प्लीज़ संभाल लेना।" ऑफिस में वर्कलोड के चलते 1 दिन की ही छुट्टी मिली देखते वो दिन भी आ गया जिस दिन सास ससुर जी का घर में शुभ आगमन हुआ। मैंने उनके स्वागत में साड़ी के पल्लू को अपने सिर पर डाला और झुक कर उनके पैर छुए। सास ससुर जी मुझे आशीर्वाद देते हुए कहा खूब तरक्की करो वंश और वंशिका अपने दादा दादी से लिपट गए उन के लाए हुए गिफ्ट देखने लगे, पूरा दिन बनाने खाने में निकल गया शाम को सासू मां नाराजगी जताते हुए बोली जात पात को हम नहीं मानते कम से कम बता तो देते और यदि मां बाप नाराज हे तो बहू बेटा नहीं तो कोन मनाएगा तभी बच्चे उन की गोदी में आ गए और वो उन में व्यस्त हो गई सुमित को बताया के 1 दिन की ही छुट्टी मिली है सुमित नाराज हो रहे थे मगर उन्हें पता था मार्च क्लोजिंग में इतनी लीव नहीं मिलती। सुबह सासू मां की आवाज़ से नींद खुली देखा 7.15 बज गए हे जल्दी से नहा के साडी में बड़ा सा पल्लू ले के उन के पैर छुए सासू मां बोली सिम्मी चाय पी लो अदरक वाली कड़क चाय के साथ और उन के अपनेपन ने सारी थकावट और टेंशन दूर कर दी वो बोली बेटी रिश्तों में औपचारिकता की जरूरत नहीं है परिवार छोटी छोटी खुशियों से बनता है सारी चिंता छोड़ के ऑफिस जाओ वैसे भी 2 दिन बाद वीकेंड है तो कुछ प्लानिंग कर लेंगे है हम लोग मंडे जायेंगे ससुर जी भी बच्चो के साथ पार्क से घूम के आ गए थे नाश्ते की प्लेट में मेरी फेवरेट डिश इंदौरी पोहा थी जिस में अनार के दाने भी थे जो उस के स्वाद को खट्टा मीठा बना रहे थे भागते भागते बस पकड़ी ऑफिस में मोबाइल की रिंग बजी देखा सुमित का फोन था सुमित बोला मैने बताया था मां को तुम्हारे फेवरेट डिश के बारे में शाम को घर थोड़ा जल्दी निकलना आज पापा भी कुछ स्पेशल बनाने वाले हे मन से डर हट गया था सास ससुर नारियल जैसे थे बाहर सख्त और अंदर नरम ,सासू मां की बात याद आ रही थी बेटा कपड़े से कोई मॉर्डन या कंजर्वेटिव नहीं होता है उस के लिए जरूरी हे मानवीय गुण औरआधुनिक सोच।पल्लू या घूँघट नहीं तुम बेटी हो सम्मान मन से आना चाहिये डर से नहीं मेरे दिमाग के जाले हट गए थे अब सासू मां मां थी और में बहू से बेटी। उस खट्टे मीठे स्वाद और सासू मां के जादुई शब्द ने मेरी सोच बदल दी थी मेरे लिए सासु माँ अब
सासू मां cool mom थी
बहुत सुलझा हुआ प्रेरक लेख ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मैम हौसला बढ़ाने के लिए आगे भी अच्छे लेखन का प्रयास रहेगा
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (25 मई 2020) को 'पेड़ों पर पकती हैं बेल' (चर्चा अंक 3712) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
*****
रवीन्द्र सिंह यादव
सादर धन्यवाद मेरी रचना को चर्चामंच जैसे मंच की चर्चा सोमवार (25 मई 2020) को 'पेड़ों पर पकती हैं बेल' (चर्चा अंक 3712) में चुन ने के लिए,
हटाएंप्रयास रहेगा के आगे भी मंच के अनुरूप लेखन करू
बढ़िया :)
जवाब देंहटाएंसाधुवाद सर
हटाएंभावी पीढ़ी का सकारात्मक दृष्टिकोण दर्शाता सार्थक लेख हृदय को छू गया. बेहतरीन सृजन आदरणीय सर.
जवाब देंहटाएंसादर
धन्यवाद मैम प्रयास रहेगा आगे और अच्छे लेखन का
हटाएंअच्छी कगी कहानी ... कूल कूल ... अच्छा कथ्य और भाव ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर आप का स्नेह सदैव ऐसा बना रहे
हटाएंबढ़िया!
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण और प्रेरक लेख
जवाब देंहटाएंसास ससुर नारियल जैसे थे बाहर सख्त और अंदर नरम ,सासू मां की बात याद आ रही थी बेटा कपड़े से कोई मॉर्डन या कंजर्वेटिव नहीं होता है उस के लिए जरूरी हे मानवीय गुण औरआधुनिक सोच।पल्लू या घूँघट नहीं तुम बेटी हो सम्मान मन से आना चाहिये डर से नहीं मेरे दिमाग के जाले हट गए थे अब सासू मां मां थी और में बहू से बेटी। उस खट्टे मीठे स्वाद और सासू मां के जादुई शब्द ने मेरी सोच बदल दी थी मेरे लिए सासु माँ अब सासू मां cool mom थी
जवाब देंहटाएंबढ़िया ,यही सोच रिश्तों को मजबूत बनाती है
धन्यवाद
हटाएंसुंदर किस्सा. लव मैरिज का बिला वजह भूत बना हुआ है. चलिए उतर गया भूत!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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