रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व खांसी जुकाम के लिए के उपाय

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व खांसी जुकाम के लिए के उपाय 

कोरोना संकटसे बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति स्वयं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे।हम बचाव के  तरीकों का कड़ाई से पालन करें प्रत्येक सामान्य व्यक्ति जब तक बहुत जरूरी नहीं हो तब तक घर से बाहर नहीं निकलें। यदि बाहर जाना पड़ जाए तब भीड़ भरे स्थान जाने से बचें। परिवार के घर पर रहने वाले सदस्यों के अलावा किसी से नहीं मिलें। यदि मिलना आवश्यक हो तब मिलते वक्त व्यक्ति से 1.5 मीटर की दूरी रखी जाए। जब भी घर से बाहर जाएं, बार-बार साबुन से 20 सेकेण्ड तकअथवा सैनिटाइजर से हाथ धोएं।
ऐसा कहा जा रहा है के भारत में कोरोना का असर कम होगा क्यों भारतीयों का इम्यून  सिस्टम स्ट्रांग है  मतलब रोगप्रतिरोधक क्षमता किसी भी और देश के मुकाबले बेहतर है  लॉकडाउन  2 की  घोषणा के साथ हमारे प्रधानमंत्री जी ने देश  से कुछ सावधानियां के साथ सात बातों का जिक्र करते हुए कहा कि सभी देशवासी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के द्वारा बताए गए उपायों का पालन करें। लेकिन बहुत से लोगों में मन में सवाल होगा कि आयुष मंत्रालय के ऐसे कौन से सुझाव हैं।इसकी वजह हे भारतीय खान पान  जिसमे  में स्वाद और स्वास्थ्य का सामंजस्य होता है हमारे यहां खाने में प्रयोग होने वाले ज्यादातर मसालों में औषधीय और आयुर्वेदिक गुण होते हैं
चिकित्सको के अनुसार कोरोना वायरस लोगों के फेंफड़े पर हमला करता है और इससे बीमार होने वालों को सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में इसे बेहतर बनाने का रास्ता सुझाते हुए आयुष मंत्रालय ने कई बातें बताई हैं।
मंत्रालय ने गर्म पानी पीने की सलाह दी है है और ये भी कहा है कि रोज़ाना कम से कम 30 मिनट तक योगासन, प्रणायाम और मेडिटेशन भी इस मामले में लाभप्रद होगा।
आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए के लिए टिप्स दिए हे जिनसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है आयुष मंत्रालय के अनुसार खाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों का इस्तेमाल करना है। जिन्हें डायबिटीज़ नहीं है वो रोज़ 10 ग्राम च्यवनप्राश खा सकते हैं और जिन्हें ये बीमारी है वो भी शुगर फ्री च्यवनप्राश खा सकते हैं। तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सुनथी और मनक्के से बने काढ़े को दिन में एक से दो बार पीने की सलाह दी गई है। काढ़े का स्वाद बदलने के लिए अपने हिसाब से उसमें गुड़ या नींबू का ताज़ा रस मिलाने का भी विकल्प सुझाया गया है। अच्छी प्रतिरोधक क्षमता के लिए ‘गोल्डन मिल्क’ भी पी सकते हैं। इसके लिए आपको 150 ग्राम गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालना होता है जिससे आपका ‘गोल्डन मिल्क’ तैयार हो जाता है। शाम के समय नाक के दोनों छेदों में तिल या नारियल का तेल लगाने की सलाह दी गई है। घी भी लगा सकते हैं। ‘ऑयल पुलिंग थेरेपी’ लेने को भी कहा गया है। इसके लिए एक चम्मच तिल या नारियल तेल को मुंह में रखने को कहा गया है। 2 से 3 मिनट तक इसे मुंह में ही रखना है जिसके बाद इसे थूक देना है और गर्म पानी से कुल्ला करना है।अगर है सूखी खांसी तो अगर आपको सूखी  खांसी है या आपका गला ख़राब है तो आपको बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि ये कोरोना के लक्ष्णों में से एक है। इसके लिए मंत्रालय की सलाह है कि पुदीना के पत्तों और अजवायन को गर्म पानी में डालकर दिन में एक बार इसका भाप लिया जा सकता है जिससे ऐसी हाल में राहत मिलेगी। इसके अलावा लौंग पाउडर को चीनी या शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार लिया जा सकता है। ऐसा करने से आम तौर पर सूखी खांसी ठीक हो जाती है  ऊपर दिए गए उपाय आम खांसी जुकाम के लिए हैं, फिर भी आपको सलाह है कि यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें। 
coconut oil and Shuddh Ghee



भारतीय खान पान  में स्वाद और स्वास्थ्य का सामंजस्य होता है  भारतीय खाने दुनिया के अन्य हिस्सों के खाने से ज्यादा पौष्टिक होते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह हैं यहां के खानों में प्रयोग होने वाले भारतीय मसाले। हमारे यहां खाने में प्रयोग होने वाले ज्यादातर मसालों में औषधीय और आयुर्वेदिक गुण होते हैं इसलिए खाने में इन्हें डालने से न सिर्फ खाना स्वादिष्ट और खुश्बूदार बनता है बल्कि ये मसाले कई तरह के रोगों से बचाते भी हैं।  किया जाता है बहुत से मसालों में सूक्ष्मजीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है।
शहद 
शहद का सेवन लाभदायक एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है और हानिकारक सूक्ष्मजीवों से लड़ता है
गुड़
गुड़ सर्दी-जुकाम भगाने में काफी असरदार है. काली मिर्च और अदरक के साथ गुड़ खाने से सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है. अगर किसी को खांसी की श‍िकायत है तो गुड़ को अदरक के साथ गर्म कर खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है.
हल्दी
 मौसमी सर्दी-जुकाम और कफ की परेशानी है, तो ऐसे में डेली रात को गर्म दूध में हल्दी को मिलाकर पीना चाहिए  कुछ ही दिनों में कफ कम होने लगेगा। क्योंकि हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं।

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तुलसी 
 तुलसी के फायदे सिर्फ सर्दी-जुकाम तक ही सीमित नहीं बल्कि तुलसी कई रोगों को दूर करने और शरीर की इम्‍यूनिटी बढ़ाने में बड़ी कारगर है. यह पौधा शरीर के बैक्‍टीरिया और वायरल इंफेक्‍शन से लड़ता है.
पुदीना 
 पुदीने और सौंठ का क्वाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाले बुखार में राहत मिलती है। पुदीने को पानी में उबालकर थोड़ी चीनी मिलाकर उसे गर्म-गर्म चाय की तरह पीने से बुखार दूर होकर बुखार के कारण आई निर्बलता भी दूर होती है
अजवाइन
 अजवाइन सर्दी-जुकाम, बहती नाक और ठंड से निजात पाने की अचूक दवा है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्‍सीडेंट और जलनरोधी तत्‍व पाए जाते हैं, जो न सिर्फ छाती में जमे कफ से छुटकारा दिलाते हैं बल्‍कि सर्दी और साइनस में आराम देते हैं.अजवायन चबाकर ऊपर से गरम जल पीने से खाँसी का वेग कम हो जाता है.
अदरक
 अदरकमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इसे एलर्जी व संक्रमण से लड़ने में फायदेमंद बनाते हैं। ऐसे में अदरक का नियमित रूप से सेवन श्वास संबंधी रोगों के मरीजों की सेहत के लिए फायदेमंद है।अदरक भोजन में मौजूद प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है जिस वजह से पाचन से जुड़ी दिक्कते नहीं होतीं
कढ़ी पत्ता 
कढ़ी पत्ता मोटापा तो कम करता ही है साथ ही इसकी पत्तियां हर्बल औषधी के रूप में इस्‍तेमाल होती हैं। कढ़ी पत्ते की एक और खासियत यह है कि यह उदर संबंधी कई रोगों को नियंत्रित करता है। इसका नियमित सेवन पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है।
लहसुन
 लहसुन पुरातन काल से दोनों, पाक और औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसकी एक खास गंध होती है, तथा स्वाद तीखा होता है  इसमें पाए जाने वाले तत्वों में  ऐलीसिन ,सेलेनियम भी है जिन्हे एक अच्छे बैक्टीरिया-रोधक, फफूंद-रोधक एवं एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है।  यदि रोज नियमित रूप से लहसुन की पाँच कलियाँ खाई जाएँ तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है। कफ संबंधित बीमारी होने पर छोटे बच्चों के गले में लहसून की माला पहनाकर इस्तेमाल करें।
दालचीनी
दालचीनीरसोई तक ही नहीं बल्कि इसका उपयोग हमारे शरीर की बहुत सी बीमारियो से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। जैसे की पेट दर्द, मनशिक क्षमता, अपच, वजन बढ़ना एवं मधुमेह आदि में दालचीनी का उपयोग कर सकते है। इसे का लोग चाय में या काफी में भी प्रयोग करतेहै


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 काली मिर्च
अगर सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च का सेवन किया जाए तो ये हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे पहुंचा सकती है। आयुर्वेद में बताया गया है कि सुबह गर्म पानी के साथ कालीमिर्च का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे शरीर स्वस्थ बना रहता है। यह शरीर में बाहरी संक्रमण को पहुंचने से रोकती है और कप, पित्त और वायु पर नियंत्रण करती है।
मुनक्का
 मुनक्का न केवल कई बीमारियों को दूर रखता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है  मुनक्का के स्वास्थ्य वर्धक गुण इसमें मौजूद शर्करा (ग्लूकोज) की मात्रा से है
इलाचयी
 इलाचयीऔषधीय गुणों की खान है यदि आवाज बैठी हुई है गले में खराश है, तो सुबह उठते समय और रात को सोते समय इलायची चबा-चबाकर खाएँ तथा गुनगुना पानी पीएँ। ।सर्दी-खाँसी और छींक होने पर एक छोटी इलायची, एक टुकड़ा अदरक, लौंग तथा पाँच तुलसी के पत्ते एक साथ पान में रखकर खाएँ।
लौंग 
 लौंग सिर्फ खाने का स्‍वाद और खुश्‍बू नहीं बढ़ाता बल्‍कि यह सेहत के लिए भी गुणकारी है. इसमें मौजूद   एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटीबैक्‍टीरियल तत्‍व आपको सेहतमंद बनाए रखते हैं.
जीरा 
जीरा स्वास्थ्य के लिए हीरे से कम नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए आप भोजन में जीरे को शामिल कर सकते हैं संस्कृत में इसे जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है,अन्न के जीर्ण (पाचन)होने में सहायता करने वाला।
धनिये 
धनियेको कफनाशक भी माना जाता है। लंबे समय से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसे रोगों के लिए भी धनिया काफी मददगार है।
नींबू
इसमें मौजूद एंटी- बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट के गुण शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करते हैं। दिन भर तरोताजा रहने और स्फूर्ति बनाए रखने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस व एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। नीबू में ए, बी और सी विटामिनों की भरपूर मात्रा है
 नोट :- ऊपर दिए गए उपाय रोगप्रतिरोधक क्षमता एवं खांसी जुकाम के लिए हैं, फिर भी आपको सलाह है कि यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें। कोरोना संकटसे बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति स्वयं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे।हम बचाव के तरीकों का कड़ाई से पालन करें
कोरोना वायरस खतरनाक है फ़िलहाल ये लाइलाज है,वहीं दूसरी ओर इससे बचाव का तरीका अत्यंत सरल है। कुछ दिन सोशल डिस्टेंसिंग कर के हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकते है।

14 टिप्पणियाँ

आपके सुझाव एवम् प्रतिक्रिया का स्वागत है

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (24-04-2020) को "मिलने आना तुम बाबा" (चर्चा अंक-3681) पर भी होगी।

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।

    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।

    आप भी सादर आमंत्रित है

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  2. बहुत ही अच्छी जानकारी आदरणीय

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  3. अति उत्तम जानकारी
    हार्दिक आभार

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  4. उपयोगी जानकारी के साथ शानदार लेख।

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  5. उपयोगी एवम् ज्ञानवर्धक जानकारी

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